Ganesh Chaturthi 2023: गणेश चतुर्थी तिथि, शुभ मुहूर्त, आरती, पूजा विधि, सामग्री और महत्व

Ganesh chaturthi 2023, जिसे गणेश उत्सव के रूप में भी जाना जाता है, हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है जो भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। यह त्योहार भगवान गणेश की पूजा को समर्पित है, जो ज्ञान, बुद्धि, और सफलता के देवता हैं।
गणेश चतुर्थी | Ganesh chaturthi

गणेश चतुर्थी | Ganesh chaturthi 2023

गणेश चतुर्थी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। हिंदू मानते हैं कि भगवान गणेश सभी बाधाओं को दूर करने और सफलता प्रदान करने वाले देवता हैं। इसलिए, गणेश चतुर्थी के दिन, लोग भगवान गणेश की पूजा कर अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।
गणेश चतुर्थी एक ऐसा अवसर है जब हिंदू परिवार एक साथ आते हैं और भगवान गणेश की पूजा करते हैं। यह त्योहार एकता, भाईचारे, और उत्सव का प्रतीक है।

गणेश चतुर्थी तिथि और शुभ मुहूर्त 2023 |Ganesh chaturthi kab hai

गणेश चतुर्थी तिथि और शुभ मुहूर्त 2023 | ganesh chaturthi kab hai
2023 में, गणेश चतुर्थी 19 सितंबर को मनाई जाएगी। चतुर्थी तिथि की शुरुआत 18 सितंबर को दोपहर 12:39 बजे होगी और समापन 19 सितंबर को दोपहर 1:43 बजे होगा। उदया तिथि के आधार पर, गणेश चतुर्थी 19 सितंबर को मनाई जाएगी।

गणेश चतुर्थी के दिन, लोग भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करते हैं और उनकी पूजा करते हैं। प्रतिमा को आमतौर पर मिट्टी, लकड़ी या धातु से बनाया जाता है और इसे घरों, मंदिरों और सार्वजनिक स्थानों पर रखा जाता है। पूजा में आमतौर पर आरती, मंत्रों का जाप और भजन शामिल होते हैं।

गणेश चतुर्थी 10 दिनों तक चलने वाला एक उत्सव है। इस दौरान, लोग भोजन, नृत्य और संगीत का आनंद लेते हैं। उत्सव का समापन अनंत चतुर्दशी पर होता है, जो 28 सितंबर को है।

गणेश चतुर्थी शुभ मुहूर्त | Ganesh chaturthi 2023 start and end time 

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गणेश चतुर्थी के शुभ मुहूर्त में प्रतिमा की स्थापना करने से अधिक लाभ प्राप्त होते हैं। 2023 में, गणेश चतुर्थी के लिए शुभ मुहूर्त निम्नलिखित हैं:
  • प्रतिमा स्थापना का शुभ मुहूर्त: 19 सितंबर, 2023 को सुबह 11:01:23 से दोपहर 1:28:15 तक
  • ब्रह्म मुहूर्त: 19 सितंबर, 2023 को सुबह 4:40:00 से 5:27:00 तक
  • अभिजीत मुहूर्त: 19 सितंबर, 2023 को सुबह 11:56:00 से दोपहर 12:45:00 तक
  • विजय मुहूर्त: 19 सितंबर, 2023 को दोपहर 2:22:00 से 3:11:00 तक
  • गोधूली मुहूर्त: 19 सितंबर, 2023 को शाम 6:27:00 से 6:50:00 तक
  • निशीथ मुहूर्त: 19 सितंबर, 2023 को रात 11:57:00 से 12:44:00 तक
  • भक्त अपने सुविधानुसार किसी भी शुभ मुहूर्त में प्रतिमा की स्थापना कर सकते हैं।
गणेश चतुर्थी का त्योहार 10 दिनों तक चलता है। इन 10 दिनों में, भक्त भगवान गणेश की पूजा करते हैं और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए प्रार्थना करते हैं। गणेश चतुर्थी के अंत में, भक्त भगवान गणेश की प्रतिमा को विसर्जित करते हैं।

गणेश चतुर्थी पूजा सामग्री | Ganesh chaturthi puja saamagree

गणेश चतुर्थी पूजा सामग्री | Ganesh chaturthi puja saamagree
गणेश चतुर्थी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था, जिन्हें बुद्धि, ज्ञान, और समृद्धि का देवता माना जाता है। गणेश चतुर्थी के दिन, भक्त भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करते हैं और उन्हें विधि-विधान से पूजते हैं।

गणेश चतुर्थी पूजा के लिए कुछ आवश्यक सामग्री निम्नलिखित हैं:
गणेश चतुर्थी पूजा सामग्री को एकत्रित करते समय, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह सभी सामग्री शुद्ध और पवित्र हो।
गणेश प्रतिमा: गणेश चतुर्थी पूजा के लिए सबसे महत्वपूर्ण सामग्री है भगवान गणेश की प्रतिमा। प्रतिमा लकड़ी, पत्थर, या मिट्टी की बनी हो सकती है।
चौकी: गणेश प्रतिमा को स्थापित करने के लिए एक चौकी की आवश्यकता होती है। चौकी आमतौर पर लकड़ी की बनी होती है।
लाल कपड़ा: गणेश प्रतिमा को चौकी पर रखने के लिए लाल कपड़ा बिछाया जाता है।
जल कलश: जल कलश में गंगाजल, कुश, और फूल डाले जाते हैं। यह कलश भगवान गणेश की पूजा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
पंचामृत: पंचामृत में दूध, दही, घी, शहद, और चीनी होती है। यह भगवान गणेश को अर्पित किया जाने वाला एक पवित्र पेय है।
लाल चंदन: लाल चंदन भगवान गणेश को अर्पित किया जाता है।
रोली: रोली भगवान गणेश को अर्पित की जाती है।
अक्षत: अक्षत भगवान गणेश को अर्पित किए जाते हैं।
कलावा: कलावा एक पवित्र धागा है, जिसे भक्त गणेश प्रतिमा के चारों ओर बांधते हैं।
जनेऊ: जनेऊ एक पवित्र धागा है, जिसे भक्त गणेश प्रतिमा के चारों ओर बांधते हैं।
गंगाजल: गंगाजल भगवान गणेश को अर्पित किया जाता है।
इलाइची-लौंग: इलाइची-लौंग भगवान गणेश को अर्पित की जाती हैं।
सुपारी: सुपारी भगवान गणेश को अर्पित की जाती है।
चांदी का वर्क: चांदी का वर्क भगवान गणेश को अर्पित किया जाता है।
नारियल: नारियल भगवान गणेश को अर्पित किया जाता है।
सुपारी: सुपारी भगवान गणेश को अर्पित की जाती है।
पंचमेवा: पंचमेवा भगवान गणेश को अर्पित किया जाता है।
घी-कपूर: घी-कपूर भगवान गणेश को अर्पित किया जाता है।
मोदक: मोदक भगवान गणेश को अर्पित किए जाने वाले एक लोकप्रिय प्रसाद हैं।
फल: फल भगवान गणेश को अर्पित किए जाते हैं।

इनके अलावा, कुछ भक्त गणेश चतुर्थी पूजा में अन्य सामग्री भी शामिल करते हैं, जैसे कि:
धूप: धूप भगवान गणेश को अर्पित की जाती है।
दीप: दीप भगवान गणेश को अर्पित किए जाते हैं।
कपूर: कपूर भगवान गणेश को अर्पित किया जाता है।

गणेश चतुर्थी की पूजा विधि |Ganesh chaturthi ki pooja vidhi

गणेश चतुर्थी की पूजा विधि |Ganesh chaturthi ki pooja vidhi
गणेश चतुर्थी के दिन, लोग भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करते हैं और उनकी पूजा करते हैं। प्रतिमा को आमतौर पर मिट्टी, लकड़ी या धातु से बनाया जाता है और इसे घरों, मंदिरों और सार्वजनिक स्थानों पर रखा जाता है। पूजा में आमतौर पर आरती, मंत्रों का जाप और भजन शामिल होते हैं।

गणेश चतुर्थी की पूजा विधि इस प्रकार है:
1. सबसे पहले, एक साफ स्थान को चुनें जहां आप भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करेंगे।
2. फिर, प्रतिमा को साफ पानी से धो लें।
3. प्रतिमा को एक साफ सफेद कपड़े पर रखें।
4. फिर, प्रतिमा को फूल, फल और मिठाई से सजाएं।
5. इसके बाद, भगवान गणेश की आरती करें।
6. अंत में, भगवान गणेश से अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए प्रार्थना करें।

गणेश भगवान की आरती | गणेश जी की आरती | Ganesh ji ki aarti

गणेश भगवान की आरती | गणेश जी की आरती | Ganesh ji ki aarti
गणेश भगवान की आरती: गणेश चतुर्थी पूजा में गणेश भगवान की आरती की जाती है।

जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।

एकदंत दयावंत, चार भुजाधारी।

लंबोदर पीतांबर, त्रिलोकी वंदनी।

मूषक वाहन, सोने के मुकुटधारी।

भक्तजनों के स्वामी, तुम हो एक मात्र।

जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।

गणेश जी की आरती का अर्थ:

हे गणेश जी, जय हो, जय हो, जय हो।
आपकी माता पार्वती हैं और पिता महादेव हैं।
आपके एक दांत हैं, आप दयालु हैं और चार भुजाओं वाले हैं।
आपका शरीर लंबा है और आप पीतांबर पहनते हैं।
आपका वाहन मूषक है और आपके सिर पर सोने का मुकुट है।
आप भक्तों के स्वामी हैं और आप एक मात्र हैं।
हे गणेश जी, जय हो, जय हो, जय हो।

यह आरती गणेश जी की महिमा को दर्शाती है। यह उनकी दया, बुद्धि और शक्ति की प्रशंसा करती है। भक्त इस आरती का पाठ करके भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं।

गणेश चतुर्थी पूजा आरती का महत्व

गणेश चतुर्थी की आरती का विशेष महत्व है। यह भगवान गणेश की पूजा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस आरती का पाठ करके, भक्त भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं।

आरती के पाठ से कई लाभ होते हैं। यह भक्तों को शांति और शांति प्रदान करता है। यह उन्हें सकारात्मक ऊर्जा से भरता है और उन्हें अपने जीवन में सफलता प्राप्त करने में मदद करता है।

गणेश चतुर्थी की आरती कैसे करें

गणेश चतुर्थी की आरती करने के लिए, आपको एक आरती के दीपक की आवश्यकता होगी। यह दीपक आमतौर पर घी या तेल से भरा होता है। आरती के दीपक को भगवान गणेश की प्रतिमा के सामने रखें।

अब, दोनों हाथों से आरती के दीपक को पकड़ें और भगवान गणेश की प्रशंसा करते हुए आरती का पाठ करें। आरती के पाठ के दौरान, आरती के दीपक को भगवान गणेश की प्रतिमा के चारों ओर घुमाएं।

आरती के पाठ के बाद, आरती के दीपक को भगवान गणेश को समर्पित करें। आप आरती के दीपक को भगवान गणेश की प्रतिमा के पास रख सकते हैं या इसे जलाकर भगवान गणेश को समर्पित कर सकते हैं।

गणेश चतुर्थी सबसे धूमधाम से कहां बनाई जाती है।

  • लालबाग का गणपति - यह मुंबई का सबसे लोकप्रिय गणेश उत्सव है। इस उत्सव में लाखों लोग शामिल होते हैं।
  • अंधेरी का गणपति - यह मुंबई का एक और प्रसिद्ध गणेश उत्सव है। इस उत्सव में बॉलीवुड के कई सितारे शामिल होते हैं।
  • प्रभादेवी का गणपति - यह मुंबई का एक और लोकप्रिय गणेश उत्सव है। इस उत्सव में महाराष्ट्र के कई मुख्यमंत्री शामिल हुए हैं।
  • गणेश चतुर्थी का उत्सव महाराष्ट्र में सबसे भव्य रूप से मनाया जाता है।
  • गणेश चतुर्थी के अवसर पर, लोग भगवान गणेश की प्रतिमाओं को घरों और मंदिरों में स्थापित करते हैं।

गणेश चतुर्थी का महत्व

गणेश चतुर्थी का महत्व | ganesh chaturthi in Hindi
गणेश चतुर्थी का महत्व कई तरह से है। धार्मिक दृष्टि से, यह भगवान गणेश के जन्म का उत्सव है। भगवान गणेश को सभी देवताओं का प्रथम पूज्य माना जाता है। इसलिए, इस दिन उनकी पूजा करने से सभी देवताओं का आशीर्वाद मिलता है।

सांस्कृतिक दृष्टि से, गणेश चतुर्थी एक महत्वपूर्ण अवसर है जब लोग एक साथ आते हैं और भगवान गणेश की पूजा करते हैं। यह एक खुशी का त्योहार है जो लोगों को एक दूसरे के साथ जुड़ने और अपनी संस्कृति को मनाने का अवसर देता है।

गणेश चतुर्थी के दिन लोग अपने घरों और मंदिरों में भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करते हैं। उन्हें दूध, दही, शहद, घी और नमकीन के साथ स्नान कराया जाता है। उन्हें मोदक, लड्डू, और अन्य मिठाइयां भी अर्पित की जाती हैं।

गणेश चतुर्थी के दिन लोग भगवान गणेश की आरती और भजन गाते हैं। वे भगवान गणेश से अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की कामना करते हैं।

गणेश चतुर्थी का समापन अनंत चतुर्दशी पर होता है। इस दिन लोग भगवान गणेश की मूर्ति को नदी या समुद्र में विसर्जित कर देते हैं। यह एक भावपूर्ण क्षण होता है जब लोग भगवान गणेश से विदा लेते हैं।

गणेश चतुर्थी एक ऐसा त्योहार है जो लोगों को एक साथ लाता है और उन्हें भगवान गणेश की कृपा का अनुभव कराता है। यह एक खुशी का त्योहार है जो लोगों को एक दूसरे के साथ जुड़ने और अपनी संस्कृति को मनाने का अवसर देता है।


गणेश चतुर्थी के कुछ मानव अनुकूल पहलू:
गणेश चतुर्थी एक परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर मनाने का अवसर है। लोग इस दिन एक साथ आते हैं और भगवान गणेश की पूजा करते हैं। यह एक खुशी का समय होता है जब लोग एक दूसरे के साथ जुड़ते हैं और खुशी मनाते हैं।

गणेश चतुर्थी एक संस्कृति और परंपराओं को मनाने का अवसर है। लोग इस दिन पारंपरिक भारतीय कपड़े पहनते हैं और पारंपरिक भारतीय भोजन खाते हैं। यह एक ऐसा समय होता है जब लोग अपनी संस्कृति और परंपराओं का जश्न मनाते हैं।

गणेश चतुर्थी एक अच्छा समय है जब लोग अपने जीवन में सकारात्मक चीजों के लिए प्रार्थना करते हैं। लोग भगवान गणेश से अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की कामना करते हैं। यह एक ऐसा समय होता है जब लोग अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रयास करते हैं।
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